5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। shiv chalisa in hindi निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।

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शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान more info दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

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